प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है, जिसका उद्देश्य देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण और पहचान देना है। भारत में लाखों लोग ऐसे पारंपरिक व्यवसायों में लगे हैं, जिन्हें अक्सर उचित पहचान, संसाधन और वित्तीय सहायता नहीं मिल पाती। इस योजना के माध्यम से सरकार ने ऐसे कारीगरों को मुख्यधारा में लाने, उनके हुनर को बढ़ावा देने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है।
इस योजना की सबसे खास बात यह है कि इसमें कारीगरों को न सिर्फ कौशल प्रशिक्षण दिया जाता है, बल्कि उनके लिए टूल किट खरीदने हेतु ₹15,000 की सहायता राशि भी दी जाती है। इसके अलावा, प्रशिक्षण के दौरान उन्हें प्रतिदिन ₹500 की प्रोत्साहन राशि भी मिलती है। यह योजना उन कारीगरों के लिए है, जो अपने पारंपरिक काम के जरिए खुद का रोजगार चला रहे हैं, लेकिन संसाधनों की कमी के कारण आगे नहीं बढ़ पा रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2023 को इस योजना की शुरुआत की थी, और अब तक लाखों कारीगरों ने इसका लाभ उठाया है। योजना का उद्देश्य न सिर्फ आर्थिक मदद देना है, बल्कि कारीगरों को डिजिटल लेन-देन, मार्केटिंग और ब्रांडिंग जैसी आधुनिक सुविधाओं से भी जोड़ना है। आइए, विस्तार से जानते हैं पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में, इसके लाभ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और 15,000 रुपए की सहायता राशि से जुड़ी पूरी जानकारी।
What is PM Vishwakarma Yojana?
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक केंद्रीय योजना है, जिसका उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक, तकनीकी और सामाजिक रूप से मजबूत बनाना है। इस योजना के तहत 18 पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े लोगों को पहचान पत्र, कौशल प्रशिक्षण, टूल किट के लिए ₹15,000 की आर्थिक सहायता, सस्ती दर पर लोन, डिजिटल लेन-देन के लिए प्रोत्साहन और मार्केटिंग सपोर्ट जैसी सुविधाएं मिलती हैं।
योजना का मुख्य उद्देश्य है कि कारीगरों को उनकी कला और हुनर के लिए सम्मान मिले, वे अपने व्यवसाय को आगे बढ़ा सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। इससे न सिर्फ उनकी आमदनी बढ़ेगी, बल्कि देश के पारंपरिक उद्योगों को भी नई पहचान मिलेगी। योजना के तहत मिलने वाली सुविधाएं सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती हैं, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना का ओवरव्यू (PM Vishwakarma Yojana Overview Table)
जानकारी | विवरण |
---|---|
योजना का नाम | पीएम विश्वकर्मा योजना 2024 |
शुरुआत | 17 सितंबर 2023 |
उद्देश्य | पारंपरिक कारीगरों को आर्थिक सहायता, प्रशिक्षण और टूल किट |
लाभार्थी | 18 पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगर और शिल्पकार |
टूल किट सहायता | ₹15,000 (सीधे बैंक खाते में) |
प्रशिक्षण भत्ता | ₹500 प्रतिदिन (प्रशिक्षण के दौरान) |
लोन सुविधा | पहली किश्त – ₹1,00,000, दूसरी किश्त – ₹2,00,000 (5% ब्याज दर) |
आवेदन प्रक्रिया | ऑनलाइन/ऑफलाइन दोनों |
बजट | ₹13,000 करोड़ |
संचालन विभाग | सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) |
आधिकारिक वेबसाइट | pmvishwakarma.gov.in |
पीएम विश्वकर्मा योजना के मुख्य लाभ (Main Benefits of PM Vishwakarma Yojana)
- ₹15,000 की टूल किट सहायता: योजना के तहत पात्र कारीगरों को टूल किट खरीदने के लिए ₹15,000 की राशि सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है।
- फ्री कौशल प्रशिक्षण: कारीगरों को उनके काम से जुड़ा मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाता है, जिससे वे अपने हुनर को और बेहतर बना सकें।
- प्रशिक्षण भत्ता: प्रशिक्षण के दौरान हर दिन ₹500 की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
- कम ब्याज दर पर लोन: कारीगरों को 5% ब्याज दर पर ₹1,00,000 (पहली किश्त) और ₹2,00,000 (दूसरी किश्त) तक का लोन मिलता है।
- डिजिटल लेन-देन प्रोत्साहन: डिजिटल ट्रांजैक्शन करने पर अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि मिलती है।
- मार्केटिंग और ब्रांडिंग सपोर्ट: सरकार द्वारा कारीगरों को अपने उत्पाद बेचने और ब्रांडिंग करने में सहायता दी जाती है।
- आधिकारिक पहचान पत्र: लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और पहचान पत्र दिया जाता है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पात्रता (Eligibility Criteria)
- आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
- आवेदक की उम्र कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए।
- आवेदक 18 पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में कार्यरत होना चाहिए।
- आवेदक ने पिछले 5 वर्षों में केंद्र या राज्य सरकार की किसी अन्य स्वरोजगार लोन योजना (जैसे PMEGP, PM SVANidhi, Mudra) का लाभ न लिया हो।
- एक परिवार से केवल एक सदस्य को ही योजना का लाभ मिलेगा (परिवार – पति, पत्नी और अविवाहित बच्चे)।
- सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति या उनके परिवार के सदस्य इस योजना के पात्र नहीं हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत शामिल 18 ट्रेड्स (18 Trades Covered Under PM Vishwakarma Yojana)
- बढ़ई (सुथार)
- नाव निर्माता
- अस्त्र बनाने वाला
- लोहार
- हथौड़ा और टूल किट निर्माता
- ताला बनाने वाला
- सुनार (गोल्डस्मिथ)
- कुम्हार
- मूर्तिकार (पत्थर तराशने वाला)
- मोची/जूता कारीगर
- राजमिस्त्री
- टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/जूट बुनकर
- गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक)
- नाई
- माला बनाने वाला
- धोबी
- दर्जी
- मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला
इन सभी ट्रेड्स के कारीगर इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत ₹15,000 टूल किट सहायता कैसे मिलेगी?
इस योजना के तहत, जब कोई पात्र कारीगर या शिल्पकार सफलतापूर्वक रजिस्ट्रेशन कर लेता है और उसका वेरिफिकेशन हो जाता है, तो उसे टूल किट खरीदने के लिए ₹15,000 की सहायता राशि दी जाती है। यह राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। इस राशि से कारीगर अपने व्यवसाय के लिए जरूरी औजार और उपकरण खरीद सकते हैं, जिससे उनका काम आसान और बेहतर हो जाता है।
टूल किट सहायता के लिए जरूरी बातें
- रजिस्ट्रेशन के समय आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक डिटेल्स और राशन कार्ड जरूरी है।
- वेरिफिकेशन के बाद ही राशि खाते में ट्रांसफर होती है।
- यह सहायता केवल एक बार मिलती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के अन्य लाभ
- प्रशिक्षण के दौरान भत्ता: प्रशिक्षण के समय हर दिन ₹500 की राशि दी जाती है, जिससे कारीगर बिना आर्थिक चिंता के प्रशिक्षण ले सकें।
- लोन सुविधा: योजना के तहत कारीगरों को दो चरणों में लोन मिलता है – पहली किश्त में ₹1,00,000 और दूसरी किश्त में ₹2,00,000। दोनों ही लोन 5% की रियायती ब्याज दर पर मिलते हैं।
- डिजिटल प्रोत्साहन: डिजिटल लेन-देन करने पर सरकार की ओर से अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जाती है।
- मार्केटिंग सपोर्ट: सरकार कारीगरों को अपने उत्पाद बेचने और ब्रांडिंग करने में भी मदद करती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया (How to Apply for PM Vishwakarma Yojana)
- ऑनलाइन आवेदन:
- सबसे पहले आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाएं।
- “Apply Now” या “Registration” विकल्प पर क्लिक करें।
- मांगी गई जानकारी भरें – नाम, पता, व्यवसाय, बैंक डिटेल्स, आधार नंबर आदि।
- जरूरी दस्तावेज अपलोड करें।
- फॉर्म सबमिट करें और रसीद डाउनलोड करें।
- ऑफलाइन आवेदन:
- अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) या जिला उद्योग कार्यालय में जाएं।
- वहां से आवेदन फॉर्म लें और भरें।
- जरूरी दस्तावेज जमा करें।
- आवेदन की रसीद प्राप्त करें।
आवेदन के लिए जरूरी दस्तावेज
- आधार कार्ड
- मोबाइल नंबर
- बैंक पासबुक/खाता विवरण
- राशन कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- व्यवसाय प्रमाण पत्र (यदि उपलब्ध हो)
पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत लोन कैसे मिलेगा?
योजना के तहत कारीगरों को बिना किसी गारंटी के दो चरणों में लोन मिलता है:
- पहली किश्त: ₹1,00,000 तक का लोन, 18 महीने की अवधि के लिए।
- दूसरी किश्त: पहली किश्त के सफल उपयोग और डिजिटल लेन-देन या एडवांस ट्रेनिंग के बाद ₹2,00,000 तक का लोन।
लोन के लिए किसी प्रकार की संपत्ति या गारंटी की जरूरत नहीं होती। ब्याज दर सिर्फ 5% है, बाकी ब्याज सरकार खुद बैंक को देती है।
पीएम विश्वकर्मा योजना से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल-जवाब (FAQs)
Q1: क्या यह योजना सिर्फ विश्वकर्मा जाति के लिए है?
नहीं, यह योजना 18 पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े सभी कारीगरों के लिए है, चाहे उनकी जाति कोई भी हो।
Q2: ₹15,000 की राशि कब मिलती है?
रजिस्ट्रेशन और वेरिफिकेशन के बाद, टूल किट के लिए ₹15,000 सीधे बैंक खाते में ट्रांसफर होती है।
Q3: क्या योजना के तहत लोन के लिए कोई गारंटी देनी होगी?
नहीं, यह लोन पूरी तरह से बिना गारंटी के मिलता है।
Q4: आवेदन के लिए कौन-कौन से दस्तावेज जरूरी हैं?
आधार कार्ड, बैंक डिटेल्स, मोबाइल नंबर, राशन कार्ड, पासपोर्ट साइज फोटो आदि जरूरी हैं।
Q5: एक परिवार से कितने लोग आवेदन कर सकते हैं?
एक परिवार (पति, पत्नी, अविवाहित बच्चे) से सिर्फ एक ही सदस्य आवेदन कर सकता है।
Q6: क्या सरकारी कर्मचारी इस योजना का लाभ ले सकते हैं?
नहीं, सरकारी सेवा में कार्यरत व्यक्ति या उनके परिवार के सदस्य पात्र नहीं हैं।
पीएम विश्वकर्मा योजना से जुड़ी कुछ खास बातें
- योजना का बजट ₹13,000 करोड़ है, जिससे लाखों कारीगरों को लाभ मिलना है।
- योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक कारीगरों को सम्मान और पहचान दिलाना है।
- डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
- योजना के तहत कारीगरों को न सिर्फ आर्थिक, बल्कि तकनीकी और मार्केटिंग सपोर्ट भी दिया जा रहा है।
पीएम विश्वकर्मा योजना से जुड़े ताजा अपडेट
2025 में सरकार ने योजना को और प्रभावी बनाने के लिए कई नए कदम उठाए हैं। अब आवेदन प्रक्रिया और भी आसान हो गई है, और लाभार्थियों को जल्दी से जल्दी सहायता राशि मिल रही है। कई राज्यों में पहले ही हजारों कारीगरों को ₹15,000 की टूल किट सहायता मिल चुकी है, और प्रशिक्षण भी शुरू हो चुका है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के फायदे और चुनौतियां
फायदे:
- कारीगरों को आर्थिक मजबूती मिलती है।
- पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा मिलता है।
- युवाओं को स्वरोजगार के नए अवसर मिलते हैं।
- डिजिटल इंडिया अभियान को गति मिलती है।
चुनौतियां:
- कुछ जगहों पर आवेदन प्रक्रिया में तकनीकी दिक्कतें आ रही हैं।
- सभी पात्र कारीगरों तक जानकारी पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है।
- बैंकिंग और डिजिटल लेन-देन में ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की कमी है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के बारे में सावधानियां
- आवेदन हमेशा आधिकारिक वेबसाइट या सरकारी केंद्र के माध्यम से ही करें।
- किसी भी एजेंट या दलाल को पैसा न दें।
- योजना से जुड़ी जानकारी के लिए सरकारी हेल्पलाइन या वेबसाइट का ही इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना देश के पारंपरिक कारीगरों के लिए एक वरदान है। इससे न सिर्फ उन्हें आर्थिक सहायता मिलती है, बल्कि उनका हुनर भी निखरता है और उन्हें समाज में नई पहचान मिलती है। ₹15,000 की टूल किट सहायता, मुफ्त प्रशिक्षण, सस्ता लोन और डिजिटल प्रोत्साहन जैसी सुविधाएं कारीगरों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती हैं। अगर आप भी किसी पारंपरिक व्यवसाय से जुड़े हैं, तो इस योजना का लाभ जरूर उठाएं और अपने व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएं।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। पीएम विश्वकर्मा योजना एक वास्तविक सरकारी योजना है, जिसे केंद्र सरकार द्वारा संचालित किया जा रहा है। ₹15,000 की टूल किट सहायता, प्रशिक्षण भत्ता और लोन जैसी सभी सुविधाएं सरकार द्वारा पात्र कारीगरों को दी जा रही हैं। आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है, लेकिन किसी भी फर्जी वेबसाइट या एजेंट से सावधान रहें। योजना की सही जानकारी और आवेदन के लिए केवल आधिकारिक सरकारी पोर्टल या नजदीकी सरकारी केंद्र का ही उपयोग करें